उत्तराखंड निकाय चुनाव: टिकट पर हस्ताक्षर करने वाले नेता की पत्नी को ही नहीं मिला टिकट, कांग्रेस में हड़कंप

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कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोशी ने अपनी पत्नी को पिथौरागढ़ नगर निगम में मेयर का टिकट न मिलने से नाराज होकर पार्टी छोड़ने की चेतावनी दी है।

नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी के हस्ताक्षर से नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के प्रत्याशियों की सूची जारी की गई। हालांकि, उनकी पत्नी को टिकट नहीं मिला, जिससे कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है।

टिकट न मिलने पर पार्टी में विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। पिथौरागढ़ नगर निगम में मेयर का टिकट न मिलने से नाराज प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने पार्टी छोड़ने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में टिकट और पद केवल खनन और शराब माफिया के लिए ही हैं। उनकी पत्नी रुकमणि जोशी ने महिला के लिए आरक्षित पिथौरागढ़ नगर निगम मेयर पद के लिए आवेदन किया था।

लेकिन पार्टी ने रुकमणि जोशी की बजाय अंजू लूंठी को टिकट दे दिया। इस फैसले से नाराज मथुरा दत्त जोशी ने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 48 साल तक कांग्रेस की सेवा की, लेकिन कभी भी मुझे टिकट देकर विधायक बनने का मौका नहीं दिया गया। मेरे टिकट को काटने के लिए तरह-तरह की बातें बनाई गईं।

मैंने विपरीत परिस्थितियों में पार्टी के लिए काम किया: जोशी

प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए हरीश रावत, यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह ने मेरा टिकट काटा, लेकिन मैंने कभी पार्टी के खिलाफ नाराजगी नहीं जताई। इस बार मैंने अपनी पत्नी के लिए मेयर का टिकट देने की मांग की थी, लेकिन पार्टी ने मेरे साथ धोखा किया। विपरीत परिस्थितियों में भी मैंने हमेशा पार्टी के लिए काम किया है।

जोशी ने कहा कि उन्होंने फैसला किया है कि अब पार्टी का काम नहीं करेंगे और जरूरत पड़ी तो इस्तीफा भी देंगे। उन्होंने कहा कि इस पर एक-दो दिन में निर्णय लेंगे। उनका आरोप है कि पिथौरागढ़ में खनन माफिया को विधायक बनाया गया और शराब माफिया को मेयर का टिकट दिया गया। पार्टी में खनन और शराब माफिया को तवज्जो दी जाती है, लेकिन मेहनत और ईमानदारी से काम करने वाले कार्यकर्ताओं को कोई सम्मान नहीं मिलता।