धामी सरकार फर्जी आयुष्मान कार्ड धारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। साथ ही, नए साल में नशे के खिलाफ नई योजना के साथ कार्रवाई शुरू करेगी।
उत्तराखंड की धामी सरकार अपने कई महत्वपूर्ण फैसलों और बदलावों को नए साल में मूर्त रूप देने जा रही है। राज्य के कई ज्वलंत मुददों और विकास की संभावनाओं के साथ राज्य के सामने खड़ी चुनौतियों पर अमर उजाला के संपादक अनूप वाजपेयी और राज्य ब्यूरो प्रभारी राकेश खंडूड़ी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से बातचीत की।
राज्य योजना के फर्जी आयुष्मान कार्ड वालों का इलाज करेगी धामी सरकार
उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में पड़ोसी राज्यों से मरीजों का दबाव बढ़ रहा है। फर्जी तरीके से उत्तराखंड आयुष्मान योजना के कार्ड बनवाकर कई लोग यहां इलाज करवा रहे हैं। इस मामले का खुलासा होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच के आदेश दिए हैं और यह पता लगाने को कहा है कि दूसरे राज्यों के लोगों के कार्ड कैसे बने और उन्हें इसका लाभ कैसे मिला।
ऐसे लोगों के खिलाफ धामी सरकार सख्ती करने जा रही है। उत्तराखंड आयुष्मान योजना के तहत लाभ लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और बढ़ते खर्च ने राज्य सरकार को सतर्क कर दिया है। राज्य की सीमा से सटे उत्तर प्रदेश और हिमाचल के इलाकों से भी बड़ी संख्या में लोगों ने फर्जी तरह से उत्तराखंड राज्य आयुष्मान योजना के कार्ड बनवा लिए हैं।
बड़ी संख्या में फर्जी कार्ड कैसे बन गए
मुख्यमंत्री ने बताया कि फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर इलाज कराने का मामला सामने आया है। इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं और यह भी पता लगाया जा रहा है कि इतने अधिक फर्जी कार्ड कैसे बने। उन्होंने कहा कि योजना के खर्च में अचानक भारी बढ़ोतरी हुई है, जो अब 1100 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि शुरुआत में खर्च काफी कम था। कार्डधारकों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे योजना की समीक्षा में यह मामला सामने आया। फर्जी कार्ड बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग के आसपास आर्थिक गलियारा
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग आने वाले वर्षों में न केवल पहाड़ों की दूरियां कम करेगा, बल्कि वहां की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस परियोजना के तहत रेलमार्ग के आसपास एक आर्थिक गलियारा विकसित किया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड निवेश अवस्थापना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो इस गलियारे की योजना बनाएगा। इसके माध्यम से पर्वतीय इलाकों में व्यापार और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे स्थानीय लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। यह परियोजना राज्य में नए रोजगार पैदा करने के साथ-साथ स्थानीय उत्पादों को पहचान दिलाने में भी सहायक होगी।
नशामुक्त उत्तराखंड को लेकर नए साल पर नई रणनीति
मुख्यमंत्री के दो साल में उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने के संकल्प को पूरा करने और प्रभावी बनाने के लिए धामी सरकार नए साल में अधिक सक्रिय होने और रणनीति बदलने जा रही है। मुख्यमंत्री ने नशे को लेकर चिंता जताई। साथ ही इसके खिलाफ लड़ाई के अपने संकल्प को दोहराया। उनका कहना है कि इसके लिए नए साल से हर महीने नई रणनीति के तहत स्वयं समीक्षा करेंगे। ड्रग्स को लेकर निगरानी बढ़ाई जाएगी और बड़े जागरूकता कार्यक्रम चलाकर इसे आंदोलन का रूप दिया जाएगा।
भू-कानून का पालन करने वालों को घबराने की जरूरत नहीं
नए साल में आने वाले भू-कानून को लेकर राज्य के कुछ जिलों में भ्रम की स्थिति है। इस पर उन्होंने कहा कि भू-कानून का पालन करने वालों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। राज्य में लंबे समय से रह रहे लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले और बड़ी मात्रा में जमीनें लेकर सशर्त उपयोग न करने वालों पर सरकार सख्ती से निपटेगी। राज्य में निवेश करने वालों का स्वागत है उन्हें चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।