छात्रों को नहीं दिया जा रहा ईडब्लूएस आरक्षण का लाभ।

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प्रत्येक साल अशासकीय कॉलेज विवि को आरक्षण हेतु सीट बढ़ोतरी का पत्र भेजते आ रहे हैं । , लेकिन केंद्रीय विवि से सम्बंध कई इन कॉलेजों में आज तक ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है। वहीं बीएड में ईडब्ल्यूएस लागू करके दाखिला लेने वाले छात्रों की परीक्षा आज तक नहीं करायी गई।
गढ़वाल विश्वविद्यालय ने संबद्ध अशासकीय कॉलेजों में आज तक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रो को (EWS) आरक्षण का लाभ ही नहीं दिया है। उधर, एनसीईटी के पत्र के आधार पर खुद अनुमति देने के बाद विश्व विद्यालय ने बीएड कॉलेज के ईडब्ल्यूएस आरक्षण से दाखिला लेकर परीक्षा देने वाले छात्रों का दो साल से रिजल्ट सूची जारी नहीं किया गया।
केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 में सभी नौकरियों, नये दाखिलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था। इसके तहत तमाम शिक्षण संस्थानों में अलग से सीट बढ़ोतरी की गई थी। उत्तराखंड में भी मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में इस आरक्षण का लाभ देने के लिए अलग से सीट बढ़ोतरी की गई।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों में भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। 10 अशासकीय कॉलेजों ने भी इसके लिए गढ़वाल विवि को पत्र भेजा था कि केंद्र सरकार के नियमों के तहत उनकी सीट बढ़ोतरी की जाए, ताकि ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ दे सकें, किन्तु इन कॉलेजों में यह आरक्षण केवल पत्राचार की औपचारिकता और फाइलों तक ही सीमित रह गया है।

विवि कोई प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं अगस्त माह में हुई विश्वविद्यालय की एडमिशन कमेटी की बैठक में कई छात्र संगठनों ने कॉलेजों में यह मुद्दा उठाया था, लेकिन केंद्रीय विवि से संबद्ध इन कॉलेजों में आज तक ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है।
सभी संस्थानो का कहना है कि वह लगातार गढ़वाल विवि को इस संबंध में पत्रचार भेजे जा रहे हैं, लेकिन विवि कोई जवाब देने को तैयार नहीं। मामले में पक्ष जानने के लिए गढ़वाल विवि के कुलसचिव को संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
बीएड में ईडब्ल्यूएस आरक्षण दिया फिर भी जारी नहीं किया
रिजल्टसत्र 2019-20 में गढ़वाल विवि ने बीएड कॉलेजों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के पत्र के आधार पर 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ देने की अनुमति दी थी। एनसीटीई ने उसमें अलग से सीटें बढ़ाने के लिए हरी झंडी दी हुई थी। विवि के तत्कालीन कुलसचिव डॉ. एके झा की ओर से अनुमति का पत्र एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस्ड इंस्टीट्यूट को भेजा गया था। लगभग 30 छात्रों ने इस आरक्षण का लाभ लेते हुए वर्ष 2019 में बीएड में दाखिला ले लिया था। विवि ने इनकी परीक्षाएं भी कराईं। 2021 में कोर्स पूरा हो गया ,लेकिन गढ़वाल विवि इनका रिजल्ट ही जारी नहीं कर रहा है। दो साल से छात्रो को गुमराह और भटका रहे हैं। अब कई छात्रों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल का कहना है कि गढ़वाल विवि अपने तीनों परिसरों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ दे रहा है, लेकिन कॉलेजों को लेकर कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं।