72 घंटे बाद भी भीमताल के पदमपुरी मार्ग पर बमेटा गांव के पुल के पास मंगलवार को गधेरे में नहाते समय डूबे सैन्यकर्मी हिमांशु दफौटिया का पता नहीं चला। हिमांशु को नहीं मिल पाने पर परिजनों ने प्रशासन पर गुस्सा व्यक्त किया है।
पूरन सिंह, हिमांशु के परिवार का सदस्य, ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम बिना किसी उपकरण के हिमांशु को खोज रही है। उन्होंने कहा कि हिमांशु को उपकरण नहीं मिलने से परिजन बहुत परेशान हैं। उन्हें प्रशासन से हिमांशु को खोजने के लिए उपकरण देने की मांग की है।
एसडीएम केएन गोस्वामी के नेतृत्व में शुक्रवार को एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाकर हिमांशु की खोज की, लेकिन हिमांशु नहीं मिला।
एसडीएम गोस्वामी ने कहा कि लगातार बचाव अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। परीताल तक एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें भेजी गई हैं, उन्होंने कहा। साथ ही हिमांशु को ड्रोन की मदद से खोजा जा रहा है।
खाश बुर्जग की बात मान ली होती तो नहीं डूबता हिमांशु
हिमांशु देफौटिया अपने चार दोस्तों के साथ बमेटा पुल के पास गधेरे में नहा रहा था। उस जगह एक बुजुर्ग व्यक्ति ने सभी को नहाने से मना किया क्योंकि पानी बहुत बह रहा था। बाद में चार दोस्त वापस आ गए। लेकिन हिमांशु गधेरे में नहाते हुए अचानक तेज पानी से बह गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि हिमांशु अगर बुजुर्ग की बात मान लेता तो शायद डूबा नहीं होता।
छुट्टी मनाने पहुंचे थे सभी दोस्त
मंगलवार की शाम 3.30 बजे सभी दोस्त घूमने के लिए पहुंचे हुए थे। लेकिन गधेरे में पानी देख सभी नहाने उतर गए। हिमांशु के दोस्तों ने पुलिस को बताया कि वह लोग छुट्टी पर घूमने आए हुए थे।
तीन साल में चार लोगों की जा चुकी हैं जान
पदमपुरी रोड पर सड़क से नीचे बहने वाली परीताल में पिछले तीन वर्षों में चार लोगों की मौत हो गई है। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन और पुलिस ने परीताल में नहाने वालों पर कार्रवाई नहीं की। परीताल मंगलवार को हिमांशु देफौटिया के नहाने के दौरान बमेटा गांव में पुल के पास स्थित है। स्थानीय लोगों ने बताया कि मंगलवार की घटना के बाद भी नहाने पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रयास नहीं हुआ।