रुद्रपुर के भगवानपुर कोलडिया गांव में अतिक्रमण अभियान को लेकर बहस शुरू हो गई है। अभियान ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को सरकार से बाहर निकाला है।
रुद्रपुर के भगवानपुर कोलडिया गांव में अतिक्रमण अभियान को लेकर बहस शुरू हो गई है। अभियान ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को सरकार से बाहर निकाला है। वहीं, विधायक तिलक राज बेहड़ ने कहा कि कार्रवाई बिल्डर के दबाव में हो रही है। रुद्रपुर कोतवाल पर दुर्व्यवहार के आरोप लगाते हुए लोगों ने एसएसपी कार्यालय में प्रदर्शन कर इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करने की मांग की। कहा कि इंस्पेक्टर को बर्खास्त कर दिया जाए।
क्या है पूरा मामला?
गुरुवार को सरकारी बुलडोजर ने लोक निर्माण विभाग की जमीन पर दशकों से काबिज अतिक्रमण हटाया। इस दौरान चिन्ह्ति 46 भवनों में से 39 कच्चे मकानों को आंशिक रूप से गिरा दिया गया था। तीन घंटे चली कार्रवाई के बाद, विधायक ने जेसीबी को बाहर निकाल दिया और अभियान को रोक दिया। साथ ही विधायक ने लोनिवि के अधिशासी अभियंता को धमकी दी।
46 परिवार काशीपुर हाईवे पर ग्राम दानपुर में सड़क किनारे लोक निर्माण की जमीन पर रहते हैं। इस मामले में कोई व्यक्ति हाईकोर्ट गया था। लोनिवि के अधिशासी अभियंता और डीएम को हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। बृहस्पतिवार को लोनिवि ईई ओमपाल सिंह, तहसीलदार दिनेश कुटौला, एसपी सिटी मनोज कत्याल और सीओ सदर निहारिका तोमर की मौजूदगी में 46 कच्चे पक्के अतिक्रमणों को ध्वस्त करने का अभियान चलाया गया। दो जेसीबी ने निर्माण को तोड़ दिया। लोगों ने इस दौरान काफी विरोध भी किया, लेकिन पुलिस ने अभियान में कोई बाधा नहीं डाली। उस समय विधायक शिव अरोरा ने वहां पहुंचकर अभियान को रोका और जेसीबी को वापस लौटा दिया।
गरजती रही जेसीबी बिलखते रहे लोग
घरों को कच्चे और पक्के बनाने के लिए बुलडोजर गरजता रहा। परिवार घरों को धराशायी होते देख बिलखते रहे और सामान सुरक्षित निकालने में जुटे रहे। कई महिलाएं घरों को ध्वस्त होते देखकर रो रही थीं। उनका कहना था कि उनके परिवार वर्षों से इस भूमि पर काबिज हैं। कभी नहीं सोचा था कि अपने बनाए आशियाने इतनी जल्दी गिर जाएंगे। बताया कि लोनिवि के डीएम स्तर तक मांग की गई थी। उन्हें हटाने से पहले पुनर्वास करना चाहिए था।