विधानसभा चुनाव के वक्त में मैंने अपने एक चुनावी प्रतिद्वंद्वी को खनन प्रेमी कहा था। मगर इधर कई दिनों से मैं हरिद्वार में जगह-जगह खनन होता हुआ देख रहा हूं, खुला खेल फरूखाबादी हो रहा है तो मैंने लोगों से पूछा कि यह बालू-बजरी की लूट कैसे हो रही है? तो लोगों ने कहा इसको बाबा करवा रहे हैं। पता चला कि वह बाबा कौन हैं?
जब पता चला तो मैंने कहा वो हो यह तो खनन बाबा हो गये हैं और खनन बाबा इतने शक्तिशाली हैं कि उनके दिशा-निर्देशन में मंगलौर में पुलिस कांग्रेस से जीत छीन लेना चाहती थी! खैर मैंगलोर के लोकतंत्र प्रेमी लोगों ने उनके मंसूबे फेल कर दिए। अब सारी पुलिस तो खनन बाबा के इशारे पर उठती है, बैठती है और काम करती है।
आज किस स्थिति में राज्य व हरिद्वार में लॉ एंड ऑर्डर कहां पहुँच गया है इसकी एक वानगी है रानीपुर मोड़ जो इस हरिद्वार का हृदय स्थल है, वहां एक सुनार की दुकान के पास में दिनदहाड़े गोली चलने और लूट की खबर है। मगर यह राज्य की कानून व्यवस्था के लिए चिंताजनक है। देहरादून में भी ऐसा ही हुआ था और अब हरिद्वार में भी दिनदहाड़े गोली चली है और लूट हुई है।