अल्मोड़ा बस हादसा: किसी ने सिंदूर खोया, किसी ने भाई…बराथ गांव में एक साथ जलीं कई चिताएं

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बराथ गांव के सभी घरों में दुख और शांति छाई हुई है। अल्मोड़ा बस हादसे में धुमाकोट के 10 और अल्मोड़ा की सल्ट तहसील के एक व्यक्ति सहित कुल 11 लोगों की सामूहिक अंतिम विदाई सल्ड महादेव घाट पर की गई।

अल्मोड़ा मर्चूला बस हादसे में बराथ मल्ला गांव के सबसे ज्यादा 6 लोगों की मौत हुई है। पूरे गांव में दुख का माहौल है। किसी ने अपने माता-पिता को खो दिया है, तो किसी ने बेटा और बेटी। किसी की मांग का सिंदूर उजड़ गया है, तो किसी का भाई इस दुनिया से चला गया।

मंगलवार को भी इस गांव में किसी ने खाना नहीं बनाया। बस में गांव के 16 लोग रामनगर जाने के लिए बैठे थे। जब अमर उजाला की टीम बराथ गांव पहुंची, तो हर घर में शांति और दुख का माहौल था। इस हादसे में राकेश ध्यानी और उनकी बेटी मानसी की जान चली गई। राकेश गांव में चक्की चलाते थे और वही घर के एकमात्र कमाने वाले थे। उनकी बेटी मानसी काशीपुर में पढ़ाई कर रही थी।

मौत से मचा कोहराम

राकेश ध्यानी अपनी बेटी मानसी के रहने की व्यवस्था करने के लिए काशीपुर जा रहे थे। उनकी मौत के बाद उनकी 78 वर्षीय मां भगवती देवी और पत्नी सविता देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव की यशोदा देवी का नाती शुभम भी दीवाली मनाने ननिहाल आया हुआ था, लेकिन उसकी मौत से परिवार में शोक छा गया है। यशोदा देवी का बेटा विशाल और दो पोते विपाशु और तुषार इस हादसे में घायल हुए हैं। ग्रामीण विनोद पोखरियाल और महानंद की हालत अब खतरे से बाहर है। वहीं, सैनिक वीरेंद्र सिंह और उनके बेटे विशाल को इलाज के लिए रेफर कर दिया गया है।

मर्चूला बस हादसे में धुमाकोट के 10 और अल्मोड़ा की सल्ट तहसील के एक व्यक्ति समेत कुल 11 लोगों का सामूहिक अंतिम संस्कार सल्ड महादेव घाट पर किया गया। इस हादसे में पौड़ी जिले के धुमाकोट और आसपास के क्षेत्रों के 30 लोग मारे गए हैं। एक साथ 11 चिताओं को जलते देख हर किसी की आंखें भर आईं।

पूरा इलाका उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए घाट पर जमा हो गया। शल्ड महादेव घाट, धुमाकोट और शल्ट क्षेत्र के कई गांवों का श्मशान घाट है। मंगलवार को यहां पौड़ी प्रशासन ने धुमाकोट के 10 और पास के अल्मोड़ा के मंगरौसेरा गांव के एक मृतक के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की व्यवस्था की थी।

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, एसएसपी लोकेश्वर सिंह, एसडीएम शालिनी मौर्य और बीडीओ प्रमोद पांडेय भी वहां मौजूद थे। क्षेत्र के लोगों और कई संगठनों से जुड़े लोग भी अंतिम विदाई में शामिल हुए। हादसे के बाद घटनास्थल और रामनगर में पोस्टमार्टम कराने के बाद, परिजन अपनी सुविधा के अनुसार शवों को अंतिम संस्कार के लिए पैतृक घाटों या हरिद्वार ले गए।

लैंसडौन के विधायक दिलीप रावत के निर्देश पर पौड़ी जिला प्रशासन की ओर से क्षेत्र के 11 मृतकों के लिए सल्ड महादेव घाट पर की गई। यहां मृतक शंका देवी निवासी दिगोली, दर्शनलाल (मंजेड़ा), शक्ति कुमार (पड़सोली), दीपांशु (देवलाड), विशाल व विशाल रावत (ज्यूंदालु), प्रवीण दत्त (खेतू बाखल), सलोनी नेगी और उसके चचेरे भाई प्रवीन नेगी (कुलाईखांद), नीरज ध्यानी (झरड़डाली), आयुष मैंदोलिया (पातल तल्ला) व बस चालक दिनेश निवासी ग्राम मंगरौसेरा सल्ट अल्मोड़ा का सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार किया गया। एक साथ चिताएं जली तो घाट पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं।