उत्तराखंड में भूमि खरीद-फरोख्त की जांच रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाए हैं, जबकि भाजपा ने इसका बचाव किया है।
भू-कानून के नियमों के खिलाफ भूमि खरीद-फरोख्त की जांच रिपोर्ट जिलों से शासन को न मिलने का मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। कांग्रेस ने सभी 13 जिलों से जांच रिपोर्ट न आने पर सरकार पर सवाल उठाए हैं। जवाब में भाजपा ने सरकार का बचाव करते हुए दावा किया है कि पांच जिलों से रिपोर्ट शासन को मिल चुकी है।
दूसरी ओर, सरकारी सूत्रों का कहना है कि जिलों से रिपोर्ट मिल रही हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि कितने और कौन से जिलों की रिपोर्ट सरकार को मिली है। लगातार तीन दिन की छुट्टियों के कारण रिपोर्ट की नवीनतम स्थिति अगले कुछ दिनों में स्पष्ट करने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों के डीएम से भूमि खरीद-फरोख्त की रिपोर्ट मांगी थी। जिलों की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होगा कि किस जिले में राज्य के बाहर के लोगों ने भू-कानून का उल्लंघन करते हुए 250 वर्ग मीटर से अधिक जमीन खरीदी है।
मुख्य सचिव ने सभी जिलों को पत्र में यह बताया कि अगर शासन और जिला स्तर पर भूमि खरीद संबंधी अनुमति का उल्लंघन हुआ है, तो उसकी रिपोर्ट भेजी जाए। जिलों से रिपोर्ट आ रही है, और जब सभी रिपोर्ट मिल जाएंगी, तो उनका आकलन कर सख्त कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। इस मामले की निगरानी राजस्व परिषद भी कर रही है। – एसएन पांडेय, सचिव, राजस्व
भू-कानून पर गुमराह कर रही सरकार : धस्माना
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि भाजपा सरकार भू-कानून के मुद्दे पर प्रदेश के लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडी तिवारी सरकार के समय एक मजबूत और प्रभावी भू-कानून बनाया गया था, जिसे भाजपा सरकारों ने समाप्त कर दिया। रविवार को अपने कैंप कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए धस्माना ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि भू-कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नियमों के खिलाफ 250 वर्ग मीटर से अधिक जमीन खरीदने पर सरकार में समायोजन किया जाएगा। लेकिन प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि एनडी तिवारी सरकार द्वारा बनाए गए भू-कानून में बदलाव करके 12.50 एकड़ से अधिक भूमि खरीद की सीमा समाप्त करने का निर्णय किसने लिया। मुख्यमंत्री के आदेश पर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से भूमि खरीद के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन किसी भी जिले से रिपोर्ट नहीं आई। धस्माना ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जमीन खरीद-फरोख्त को पूरी छूट दी है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि 2017 से अब तक हुई सभी जमीनों की खरीद-फरोख्त की जांच कराई जाए।
भू-कानून पर कांग्रेस फैला रही भ्रम : चौहान
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस भू-कानून और भूमि खरीद-फरोख्त के मामले में भ्रम फैला रही है। भाजपा ने दावा किया है कि पांच जिलों से भूमि खरीद-फरोख्त की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। चौहान ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से जिलों से भूमि खरीद की रिपोर्ट मांगी है। प्रदेश सरकार नियमों का उल्लंघन या प्रायोजन के विपरीत होने पर जमीन को राज्य सरकार में समाहित करेगी।
चौहान ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि उसे धैर्य रखने की जरूरत है, क्योंकि उसका यही रवैया भर्ती घोटालों की जांच, यूसीसी, लैंड जिहाद, और लव जिहाद जैसे मामलों में भी रहा है। जब भाजपा ने जनहित के अनुसार राज्य में भू-कानून की आवश्यकता को लेकर नया कानून लाने की बात की, तो कांग्रेस को सबसे पहले कठिनाई हुई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब तक भू-कानून के मुद्दे पर चुप रही है, लेकिन दिखावे के लिए समर्थन की बात कर रही है। भाजपा ने 2007 में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनाए गए भू-कानून में संशोधन किया था। अब एक बार फिर राज्य के मौलिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए भू-कानून को सख्त किया जा रहा है।