Chardham Yatra 2024: 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद, 13 नवंबर से शुरू होगी प्रक्रिया

Uttarakhand

पंच पूजाओं के तहत 13 नवंबर को पहले दिन गणेश पूजा होगी, और उसी शाम गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। अगले दिन आदि केदारेश्वर और शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे।

बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 17 नवंबर को बंद किए जाएंगे। कपाट बंद करने की प्रक्रिया 13 नवंबर से शुरू होगी, और इसके लिए तैयारियां भी जारी हैं।

बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे। कपाट बंद करने की प्रक्रिया 13 नवंबर से शुरू हो जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां की जा चुकी हैं।

 

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ के अनुसार, पंच पूजाओं के तहत 13 नवंबर को पहले दिन गणेश पूजा होगी और उसी शाम गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। अगले दिन आदि केदारेश्वर और शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे। 15 नवंबर को खड़क पुस्तक पूजा और वेद ऋचाओं का वाचन बंद किया जाएगा। 16 नवंबर को मां लक्ष्मी को कढ़ाई भोग अर्पित किया जाएगा। अंत में, 17 नवंबर को रात 9 बजकर 07 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।

पंच पूजाओं का आयोजन रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी रविंद्र भट्ट द्वारा किया जाएगा। 18 नवंबर को कुबेर, उद्धव और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी पांडुकेश्वर के लिए रवाना होगी। शीतकाल में कुबेर और उद्धव जी पांडुकेश्वर में निवास करेंगे, जबकि आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी 19 नवंबर को नृसिंह मंदिर, ज्योतिर्मठ के लिए प्रस्थान करेगी। इसके बाद, पांडुकेश्वर और ज्योतिर्मठ में शीतकालीन पूजाओं का आयोजन होगा।