अल्मोड़ा बस हादसा: सात महीने में सुरक्षा कार्यों की देरी, क्रश बैरियर न लगाने पर आदेश जांच

Uttarakhand अल्मोड़ा

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मरचूला-सतपुली मोटर मार्ग पर जिस जगह सड़क हादसा हुआ है, वहां इसी साल मार्च में क्रश बैरियर लगाने और अन्य सुरक्षा कार्यों की मंजूरी दी गई थी। लेकिन कई महीने बीत जाने के बावजूद काम शुरू नहीं हुआ। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

समिति को तीन दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। अल्मोड़ा जिले के मरचूला-सतपुली मार्ग पर 4 नवंबर को हुई बस दुर्घटना में 36 लोगों की जान चली गई थी। इस हादसे के बाद सड़क सुरक्षा के इंतजामों को लेकर लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) पर सवाल उठ रहे हैं।

क्रश बैरियर की कमी के मामले में मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। जिस सड़क पर हादसा हुआ, वहां 15 मार्च को मोटर मार्ग सुरक्षा, क्रश बैरियर और पैरापिट लगाने के लिए मंजूरी दी गई थी। अब सात महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सुरक्षा कार्य न होने के कारणों की जांच के लिए सरकार ने एक समिति बनाई है।

गर्ब्याल की अध्यक्षता में जांच करेगी समिति

यह समिति लोक निर्माण विभाग के अपर सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में जांच करेगी। लोनिवि सचिव डॉ. पंकज पांडेय के जारी आदेश में कहा गया है कि समिति को तीन दिनों के भीतर इस मामले पर स्पष्ट रिपोर्ट पेश करनी होगी। इसके अलावा, समिति से यह भी कहा गया है कि वह कार्य शुरू न होने और देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम और पदों का विवरण भी प्रदान करें।

एक सप्ताह में जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश

लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. पंकज पांडेय ने सभी जिलाधिकारियों को एक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि मार्च-2025 तक प्रदेश के सभी राज्यमार्गाें पर क्रैश बैरियर, पैरापिट से अच्छादित किया जाना है। अगर जिले में कोई ऐसा मार्ग है, जहां पर सड़क सुरक्षा संबंधी कार्य होना है। इसकी जानकारी एक सप्ताह में उपलब्ध कराएं।