मुख्यमंत्री ने “स्वच्छता ही सेवा” कार्यक्रम की शुरुआत की और क्रॉस कंट्री मैराथन दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि मार्च 2025 तक राज्य के सभी गांवों में कचरा प्रबंधन का काम शुरू हो जाए।

स्वच्छता ही सेवा-2024 कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य में 5 लाख 37 हजार से अधिक शौचालय विहीन परिवारों के लिए शौचालयों का निर्माण किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत देहरादून को देश के पांच सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल किया गया है।

मंगलवार को देहरादून के परेड मैदान में मुख्यमंत्री धामी ने स्वच्छता ही सेवा-2024 कार्यक्रम में हिस्सा लिया और क्रॉस कंट्री मैराथन दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर सीएम धामी ने सभी उपस्थित लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर बालिकाओं को किशोरी किट का वितरण भी किया। इससे पहले, उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर विश्वकर्मा पूजन किया और सभी को विश्वकर्मा दिवस की शुभकामनाएं दीं।

भारत को स्वच्छता के नए आयामों पर पहुंचाया

इस अवसर पर सीएम ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देते हुए भगवान से उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की स्वच्छता के प्रति जागरूकता, समर्पण और नेतृत्व हम सभी को प्रेरित करता है। सीएम ने बताया कि आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम स्वच्छता पखवाड़े की शुरुआत कर रहे हैं।

यह स्वच्छता पखवाड़ा दो अक्तूबर को समाप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की, जिससे आज देश के हर नागरिक में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी दृष्टिकोण ने भारत को स्वच्छता के नए मानक स्थापित करने में मदद की है। मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि पिछले दस वर्षों में देशभर में करोड़ों शौचालय बनाए गए, कचरा प्रबंधन के लिए आवश्यक सुविधाएं विकसित की गईं, और आम लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड भी स्वच्छता के क्षेत्र में सराहनीय प्रगति कर रहा है। राज्य को 2017 में देश का चौथा ओडीएफ (खुले में शौचमुक्त) राज्य बनने का सम्मान प्राप्त हुआ। अब तक राज्य में 5 लाख 37 हजार से अधिक शौचालय विहीन परिवारों के लिए शौचालय बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा, 2600 से अधिक स्वच्छता कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया गया है, और 9000 से अधिक गांवों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन का काम पूरा किया गया है। 77 विकासखंडों में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की इकाइयां भी स्थापित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि मार्च 2025 तक राज्य के सभी गांवों में कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू हो जाए।