गौरवशाली इतिहास है गढवाल का – त्रिलोक सजवाण  

Dehradun Uttarakhand

महालक्ष्मी वेडिंग पाईंट दून यूनिवर्सिटी रोड पर सजवाण वंश की द्वितीय सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि गढ़वाल गढ़ों और वीरो का देश है। सरकार को गढ़ो के संरक्षण और संवर्धन में आगे आना चाहिए गढ़वाल के बावन गढ़ों में चार गढ़ सजवान जाति के हैं जिनके संरक्षण एवं संवर्धन को राज्य व केंद्र सरकार ,पुरातत्व विभाग से माँग की गई । सम्मेलन में ये भी मांग की गई की स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी इसको शामिल किया जाये ।सम्मेलन में उत्तरकाशी के पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण ने अध्यक्ष पद हेतु त्रिलोक सिंह सजवाण के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर दिया गया । इस अवसर पर त्रिलोक सिंह सजवाण ने कहा कि सजवाण वंश हितकारी कमेटी उत्तराखंड के सामाजिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक विषयो पर चिंतनशील संवेदनशीलता रहेगी। गढ़वाल का इतिहास गौरवशाली रहा है वीरो की भूमि रही है गढ़वाल । ऐसे विषयो की जानकारी होनी आवश्यक है जिससे आने वाली पीढ़ी को इसका अहसास हो सके । उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति का।महत्वपूर्ण हिस्सा रहे वाद्य यंत्र ढोल दमउ पौराणिक रीति रिवाज़ बोली भाषा खानपान मेले आयोजन इन सबके संरक्षण को कार्य किये जाएगे साथ ही युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति से रूबरू कराया जायेगा। सम्मेलन में पूर्व मंत्री श्री शूरवीर सिंह सजवान, पूर्व विधयक श्री विजयपाल सिंह ,ज्योति सिंह सजवान कुलबिर सिंह सजवान कमल सिंह सजवान आदि उपस्थित थे।