“देहरादून: भारतीय छात्रों को ठगने वाले साइबर गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार, जानिए कैसे करते थे ठगी”

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हाल ही में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज हुई। इसमें तमिलनाडु के एक छात्र, जो अमेरिका में पढ़ाई कर रहा था, से डॉलर के बदले रुपये देने का वादा करके 70 हजार रुपये ठगे गए। भारत में रहने वाले छात्र के परिवार ने डायल 1930 पर भी इसकी शिकायत की।

एसटीएफ ने साइबर ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को क्लेमेंटटाउन इलाके से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह विदेश में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को रुपये को डॉलर में बदलने का झांसा देकर ठगता था। देहरादून से पकड़े गए इन युवकों ने कमीशन के लिए कई बैंक खाते खुलवाए थे। इनमें से एक खाते में एक महीने के भीतर 35 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। यह गिरोह गुजरात से संचालित हो रहा था, और इसकी जांच के लिए एसटीएफ ने एक टीम तैनात की है।

एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि पिछले दिनों भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) पोर्टल पर एक शिकायत मिली थी। इसमें अमेरिका में पढ़ाई करने वाले तमिलनाडु के एक छात्र के साथ रुपये के बदले डॉलर देने का झांसा देकर 70 हजार रुपये ठगे गए थे। भारत में रहने वाले छात्र के परिजनों ने डॉयल 1930 पर भी शिकायत दर्ज कराई थी।

इस मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड एसटीएफ ने अमेरिका में मौजूद छात्र से संपर्क किया। छात्र ने बताया कि उसे व्हाट्सएप ग्रुप से एक नंबर मिला था। जब उसने उस नंबर पर बात की, तो उसे ऑनलाइन रुपये को डॉलर में बदलने की बात बताई गई। भरोसे के लिए उसने ठग द्वारा दिए गए बैंक खाते में एक डॉलर की राशि जमा की, जिसके बदले उसे एक डॉलर दे दिया गया। इस पर छात्र को विश्वास हो गया और उसने 70 हजार रुपये खाते में जमा कर दिए। इसके बाद ठग ने अपना फोन बंद कर लिया।

एसटीएफ इंस्पेक्टर नंद किशोर भट्ट की टीम ने मोबाइल नंबरों के डाटा विश्लेषण से कई बैंक खातों का भी पता चला। आगे की जांच में सामने आया कि इन खातों में निरंतर धनराशि ट्रांसफर की जा रही है। इनमें से एक बैंक खाता तो ऐसा है जिसमें एक ही महीने में 35 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।

 

प्रथमदृष्टया एसटीएफ को बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खोले गए छह बैंक खातों की जानकारी हुई। जांच में आया कि इस गिरोह के कुछ सदस्य देहरादून के क्लेमेंटटाउन थाना क्षेत्र में रह रहे हैं। टीम ने शुक्रवार रात को एक होम मेड किचन नाम के रेस्टोरेंट में छापा मारा और यहां से दो युवकों को पकड़ लिया गया। इनमें डीएल रोड निवासी दिपांशु सिंह गुरु और पंडितवाड़ी का रहने वाला सौरभ कुमार शामिल है। इनके पास से डेढ़ लाख रुपये, एक लैपटॉप, सात मोबाइल फोन, 14 सिम कार्ड और 37 बैंक खातों के डेबिट कार्ड बरामद हुए।

कमीशन लेकर खुलवाए करंट और सेविंग खाते

आरोपी दिपांशु सिंह ने एसटीएफ को बताया कि सात महीने पहले उसकी मुलाकात सौरभ कुमार से हुई थी। उसने सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट खुलवाने की बात बताई थी। बताया था कि सेविंग अकाउंट के लिए उसे 20 से 25 हजार रुपये और करंट के लिए 40 से 50 हजार रुपये मिलेंगे। यह सब जानकार दिपांशु को लालच आ गया। उसने बैंक ऑफ महाराष्ट्र, शिवालिक बैंक, कर्नाटक बैंक, आईडीएफसी बैंक, कोटक बैंक, यूको बैंक और फेडरल बैंक आदि में 50 खाते खुलवा दिए। इसके लिए उसने कुछ मजदूरी करने वाले लोगों के भी दो से तीन हजार रुपये देकर खाते खुलवाए।

फर्जी फर्म बनाई

करंट अकाउंट के लिए आरोपियों ने कई फर्जी फर्म भी बनाई। इनमें एबी पैकेजिंग सेंटर, लेडीज बुटीक, श्रीकृष्णा ऑनलाइन स्टोर आदि शामिल हैं। एसटीएफ को आरोपियों के कब्जे से तीन फर्म की मुहर भी बरामद हुई हैं। एसएसपी ने बताया कि इन खातों की पासबुक व डेबिट कार्ड आदि को ये लोग कुरियर के माध्यम से गुजरात और मुंबई भेजते थे। वहीं से ये पूरा नेटवर्क चलाया जा रहा है। इसके लिए वहां भी टीमें भेजी जा रही हैं।