उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने पर जल्द निर्णय हो सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ इस विषय पर बैठक में मंथन किया।
रविवार देर शाम दो घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने वाली विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष व सदस्य भी उपस्थित रहे। माना जा रहा है कि बैठक में ड्राफ्ट को प्रदेश सरकार को सौंपे जाने से पहले इसके अंतिम प्रारूप को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिए संकेत:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार शाम नई दिल्ली पहुंचे थे। नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि समान नागरिक संहिता का प्रारूप तय करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति प्रदेश सरकार को जल्द अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है।
देहरादून में शासन के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पहुंचने के बाद देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। इस दौरान हुई बैठक में विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) व सदस्य भी शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि समान नागरिक संहिता प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 मई 2022 को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, जिसमें चार सदस्य शामिल किए गए। बाद में इसमें सदस्य सचिव को भी शामिल किया गया। इस समिति का कार्यकाल दो बार बढ़ाया गया। इसी वर्ष मई में इसका कार्यकाल चार माह के लिए बढ़ाया गया।
विशेषज्ञ समिति के लगभग 13 माह के कार्यकाल में अभी तक 63 बैठक हो चुकी हैं और समिति को 2.30 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं। समिति ने अपने कार्यकाल में विभिन्न धर्मों, समुदाय व जनजातियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के साथ ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर स्थानीय व्यक्तियों से भी सुझाव लिए। समिति प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों से भी इस संबंध में सुझाव ले चुकी है।
समिति ने यह रिपोर्ट पहले जून अंत तक सौंपनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। दरअसल, समिति ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है और अब इसे पुस्तक का स्वरूप दे रही है। इस कारण इसमें समय लग रहा है। रविवार देर शाम हुई बैठक के बाद माना जा रहा है कि समिति यह कार्य भी पूरा कर चुकी है और सरकार को सौंपने से पहले इस पर गृह मंत्री अमित शाह के साथ चर्चा की गई। इन परिस्थितियों में समझा जा रहा है कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने के संबंध में जल्द कोई निर्णय लिया जा सकता है।