मंदिर को गेंदे के फूलों से सुंदर रूप से सजाया गया। जैसे ही मंदिर के द्वार खुले, शिवभक्तों ने “जय रुद्रनाथ” के नारों से वातावरण गुंजा दिया।
चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के मंदिर के कपाट आज तड़के चार बजे धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ खोले गए। श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर खुलते ही वहां आध्यात्मिक माहौल बन गया। इस पावन अवसर पर 500 से अधिक भक्त उपस्थित रहे। कपाट खुलते ही मंदिर परिसर “बाबा रुद्रनाथ” के जयकारों से गूंज उठा। मंदिर को गेंदे के फूलों से भव्य रूप से सजाया गया था।
शुक्रवार को भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल गोपीनाथ मंदिर से रवाना होकर रात्रि विश्राम के लिए पुंग बुग्याल पहुंची थी। इसके बाद शनिवार देर शाम को डोली मुख्य मंदिर परिसर में पहुंच गई। शनिवार सुबह पुजारी सुनील तिवारी ने भगवान रुद्रनाथ की पूजा और आरती विधिवत संपन्न की।
भोग लगाने के बाद सुबह करीब 10 बजे भक्तों के साथ डोली ने अपने मंदिर के लिए प्रस्थान किया। देर शाम को डोली अपने भक्तों के साथ रुद्रनाथ मंदिर में पहुंची। डोली के मंदिर परिसर में पहुंचते ही शिवभक्तों ने जय रुद्रनाथ के जयकारे लगाए।
