उत्तराखंड: मौसम में नरमी से घटी बिजली की मांग, निगम का दावा– नहीं हो रही कहीं भी कटौती

Uttarakhand

जुलाई में बिजली का बिल 20 पैसे प्रति यूनिट महंगा हो सकता है। यूपीसीएल ने अक्टूबर से दिसंबर तक की बिजली खरीद की लागत के आधार पर इसकी मंजूरी आयोग से मांगी है।

राज्य में दो दिनों से मौसम ठंडा रहने के कारण बिजली की मांग में लगभग 50 से 80 लाख यूनिट की गिरावट आई है। वर्तमान में कुल मांग 4.9 करोड़ यूनिट है, और इसी के अनुसार आपूर्ति भी हो रही है। केंद्रीय पूल से राज्य को 2.2 करोड़ यूनिट और राज्य के अपने स्रोतों से 2.1 करोड़ यूनिट बिजली मिल रही है। शेष जरूरत को पूरा करने के लिए यूपीसीएल हर दिन करीब 3 करोड़ यूनिट बिजली बाजार से खरीद रहा है।

निगम का कहना है कि फिलहाल किसी भी जगह बिजली कटौती नहीं हो रही है। जुलाई में बिजली का बिल लगभग 20 पैसे प्रति यूनिट महंगा आएगा। यूपीसीएल ने अक्टूबर से दिसंबर तक की बिजली खरीद, एफपीपीसीए के तहत वसूली या छूट के आधार पर 22.73 करोड़ रुपये की रिकवरी की मंजूरी मांगी थी, जिसे आयोग ने मंजूरी दे दी है। यह राशि जून के बिजली बिल में जोड़कर जुलाई में उपभोक्ताओं से वसूली जाएगी।

यूपीसीएल ने आयोग से वसूली की अनुमति मांगी

यूपीसीएल हर महीने बिजली खरीद की लागत के आधार पर फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) के तहत उपभोक्ताओं से अगले महीने वसूली या छूट देता है। यदि बिजली तय दर से महंगी खरीदी जाती है तो उपभोक्ताओं से अतिरिक्त राशि वसूली जाती है, और यदि सस्ती खरीदी जाती है तो उन्हें राहत दी जाती है। इस प्रक्रिया की मासिक और तिमाही रिपोर्ट नियामक आयोग को सौंपी जाती है।

यूपीसीएल ने आयोग को दी गई याचिका में बताया कि पिछले साल अक्टूबर से दिसंबर के बीच एफपीपीसीए के तहत उपभोक्ताओं से 35 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी, जबकि इस अवधि में बिजली खरीद की कुल लागत 57.73 करोड़ रुपये रही। इस आधार पर 22.73 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली बाकी थी, जिसे वसूलने की अनुमति यूपीसीएल ने आयोग से मांगी थी।

बढ़ोतरी केवल एक माह के लिए ही लागू होगी

आयोग के अध्यक्ष एमएल प्रसाद और सदस्य विधि अनुराग शर्मा की पीठ ने जून महीने के बिजली बिल में इस राशि की वसूली की सशर्त मंजूरी दी है। उपभोक्ताओं से यह रकम जुलाई में वसूली जाएगी। आयोग ने यूपीसीएल को निर्देश दिया है कि चूंकि अभी माहवार ऑडिट के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए इस वसूली का अलग से रिकॉर्ड रखा जाए। इस फैसले से बिजली बिल में औसतन 22 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी होगी, जो केवल एक महीने के लिए ही लागू रहेगी।