हरीश रावत: अब ज्यादा सक्रिय नहीं हो पाऊंगा, केदारनाथ उपचुनाव में इन्हें आगे बढ़ाना है

Uttarakhand केदारनाथ

पूर्व सीएम हरीश रावत ने पत्रकार से विशेष बातचीत में कहा कि केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है, जिससे पार्टी में एक नया उत्साह और शक्ति आ सके।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा इस समय दो धड़ों में बंटी हुई है। एक धड़ा कह रहा है कि यह मौका है, इसे बदल दो, जबकि दूसरा धड़ा इसे बचाने की कोशिश कर रहा है। इन दोनों गुटों के आपसी मतभेद कांग्रेस के लिए केदारनाथ उपचुनाव में फायदेमंद साबित होंगे। हमें भी इस समय खुद में एक जादू लाना होगा, और वह है कि हम सब एकजुट होकर काम करें।

सोमवार को केदारनाथ उपचुनाव पर चर्चा करते हुए हरीश रावत ने पत्रकार से कहा कि भाजपा में उम्मीदवारों को लेकर मतभेद हैं। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने केदारनाथ के साथ अन्याय किया है। सनातन धर्म के रक्षक तीर्थ पुरोहितों, हकहकूकधारियों और पंडा समाज के अधिकारों को छीना है और केदारनाथ की मूल पहचान को बदलने का काम किया है।

हरीश रावत ने कहा कि गर्भगृह में चांदी की परत हटाकर सोने का लेप लगाया गया, लेकिन सवाल है कि मंदिर का सोना आखिर कहां गया? केदारनाथ धाम के नाम पर दिल्ली में शिलान्यास किया गया, जो दिखावा है। भाजपा को इसके लिए जनता से सजा मिलेगी। उपचुनाव के उम्मीदवार पर उन्होंने कहा कि उम्मीदवार सिर्फ चुनावी न हो, बल्कि वह केदारनाथ की गरिमा और प्रतिष्ठा के अनुरूप होना चाहिए।

मुख्यमंत्री धामी घबराए हैं : हरीश रावत

हरीश रावत ने कहा कि उपचुनाव में मेरी भूमिका सीमित होगी, क्योंकि अब मैं शारीरिक रूप से उतना सक्षम नहीं हूं। फिर भी, मैं क्षेत्र में जाकर लोगों को प्रोत्साहित करूंगा। केदारनाथ उपचुनाव में हमें गणेश गोदियाल को आगे बढ़ाना है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में पूरी मेहनत से संघर्ष किया था। साथ ही यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, करन माहरा सहित अन्य नेता भी प्रचार में सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे।

हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी चुनाव से घबराए हुए हैं, इसलिए उन्होंने चुनाव से पहले कई घोषणाएं कर दी हैं। अब लोग इन घोषणाओं की तुलना कांग्रेस सरकार द्वारा केदारनाथ में किए गए कार्यों से कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन हकीकत में 25 रुपये भी खर्च नहीं हुए।