कांग्रेस ने मंगलौर सीट पर एक अनुभवी और बदरीनाथ सीट पर एक नवीन चेहरे को चुना है। दोनों प्रत्याशी लंबे समय से कांग्रेसी हैं।
कांग्रेस ने बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीटों पर उपचुनावों में अपना विश्वास दिखाया है। पार्टी ने कांग्रेस के पुराने सदस्यों को दोनों सीटों पर उतारा है। यह दिलचस्प है कि राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा ने जो चेहरों पर दांव लगाया है, वे दोनों ही अपने सांगठनिक मूल से नहीं आए हैं।
पार्टी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अपने दलों को छोड़कर भाजपा का पक्ष लेने वाले लोगों को टिकट दिया है। यही कारण है कि कांग्रेस उन्हें आयतित प्रत्याशी बताकर भाजपा पर हमला बोल रही है।बसपा मंगलौर विधानसभा सीट पर अग्रणी है। राज्य गठन के बाद हुए पांच विधानसभा चुनावों में बसपा ने इस सीट पर चार बार जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने एक बार जीत हासिल की।
2002 और 2007 में, काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने बसपा के टिकट पर यहीं से विधानसभा चुनाव जीता था। कांग्रेस में शामिल होने के बाद, काजी ने 2012 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन बसपा के प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी से 700 मतों से हार गए।
बसपा के वोट को खींचने की होगी चुनौती
Kachi ने 2017 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की। 2022 के चुनाव में काजी बसपा के प्रत्याशी सरवत करीम अंसारी से 598 मतों से हार गए। काजी ने मंगलौर से तीन बार विधायक रहे हैं और बसपा के वोट बैंक में भी धक्का लगाते रहे हैं। उपचुनाव में भी बसपा के वोटों को खींचने की चुनौती उनके सामने होगी।
बदरीनाथ विधानसभा भी कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। यहां से कांग्रेस ने नए चेहरे लखपत बुटोला पर दांव लगाया है। 2022 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर राजेंद्र भंडारी ने जीत हासिल की थी। बुटोला पोखरी ब्लॉक के चौंडी गांव के रहने वाले हैं। जहां से भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी भी हैं। लखपत 1997 से पार्टी से जुड़े हैं और क्षेत्र में खासे सक्रिय हैं। 2014 में पोखरी ब्लॉक से जिला पंचायत सदस्य रहे। वर्तमान में उनके पास पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी है। क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं में उनकी पकड़ और सक्रियता को देखते हुए पार्टी उन्हें मजबूत प्रत्याशी मान रही है।
काजी 19 जून और बुटोला 21 जून को करेंगे नामाकंन
मंगलौर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन 19 जून और बदरीनाथ सीट से प्रत्याशी लखपत बुटोला 21 जून को नामांकन करेंगे। पार्टी ने दोनों प्रत्याशियों के नामांकन रैली की तैयारियां शुरू कर कर दी है।
हाईकमान ने दोनों सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। कांग्रेस पार्टी दोनों सीटों पर भारी बहुमत से चुनाव जीतेगी। प्रत्याशियों की जीत के लिए पार्टी कार्यकर्ता एकजुट हैं।