सीएम पुष्‍कर सिंह धामी की सख्ती बरकरार, कहा- अतिक्रमण के नाम पर उत्तराखंड की डेमोग्राफी नहीं बदलने देंगे

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सीएम ने पहले तेवर दिखाए। फिर वन विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश संग पूरे सिस्टम का सहयोग भी दिलाया, ताकि कहीं कोई अराजक स्थिति न बने। इसके बाद अप्रैल से वनभूमि को मुक्त कराने का अभियान शुरू हुआ।
आंकड़े बताते हैं कि करीब 2100 एकड़ जमीन अतिक्रमणकारियों के चंगुल से मुक्त हो चुकी है। बड़ी कार्रवाई के बावजूद इन अवैध कब्जेधारियों को लेकर सीएम सख्त ही हैं। उन्होंने साफ कहा है कि अतिक्रमण के नाम पर राज्य की डेमोग्राफी कतई बदलने नहीं देंगे। ऐसे कब्जाधारकों पर कार्रवाई जारी रहेगी।

2100 एकड़ से ज्यादा जमीन खाली करवाई:
राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड में सरकारी जमीन विशेषकर वन भूमि पर कब्जे के मामले लगातार बढ़ते गए। बाहर से आए लोगों ने धार्मिक संरचना खड़ी करने के साथ ही एकड़ों के हिसाब से खेती भी शुरू कर दी। सीएम धामी ने इन सभी अतिक्रमणकारियों को चिह्नित करने के साथ कार्रवाई के निर्देश दिए।
पिछले ड़ेढ़ माह के समय में 2100 एकड़ से ज्यादा जमीन खाली करवाई गई है। इसके अलावा 450 अवैध मजारों को नोटिस के बाद ध्वस्त भी कर दिया गया। शुक्रवार दोपहर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गोठ खत्ते, वनग्राम जैसी पुरानी बसावट से जुड़े लोगों को परेशान नहीं करेंगे। लेकिन अतिक्रमण की मदद से राज्य की डेमोग्राफी बदलने में जुटे लोगों को नहीं छोड़ा जाएगा।
जिलाध्यक्ष के घर पहुंच जताया शोक:
सर्किट हाउस से सीएम पुष्कर सिंह धामी भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट के आवास पहुंचे। सीएम ने बिष्ट की माता बसंती देवी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि दुख की इस घड़ी में वह परिवार के साथ खड़े हैं। इस दौरान जिलाध्यक्ष के पिता उम्मेद सिंह बिष्ट, भाई संजय बिष्ट, मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला, विधायक राम सिंह कैड़ा, मंडी परिषद के पूर्व अध्यक्ष गजराज बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी आदि मौजूद थे।
हम सब चुनाव के लिए तैयार:
सर्किट हाउस में पत्रकारों के निकाय चुनाव आगे खिसकने की संभावनाओं को लेकर सवाल करने पर सीएम ने कहा कि सब कुछ प्रक्रिया के तहत होगा। इसमें सरकार की भूमिका नहीं होती। निकाय, लोकसभा या अन्य किसी भी चुनाव के लिए पार्टी तैयार हैं। वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भी मेयर की तर्ज पर होने की संभावना पर कहा कि नियम और आवश्यकता के हिसाब से सब कुछ होगा।

चोटिल होने से बचे सीएम:
सर्किट हाउस पहुंचने के बाद सीएम कक्ष की तरफ बढ़ रहे थे। इस दौरान वह सीढ़ियों में लड़खड़ाने से चोटिल होने से बाल-बाल बचे। बगल में चल रहे एसओजी इंचार्ज राजवीर नेगी ने मुस्तैदी दिखाते हुए संभाल लिया। सर्किट हाउस में विधायक सरिता आर्य, विधायक डा. मोहन सिंह बिष्ट, युवा मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज बिष्ट समेत अन्य लोग मौजूद थे।
धामी के तीन मंत्र….जवाबदेही, जिम्मेदारी और पारदर्शिता:
मुख्यमंत्री के आगमन की वजह से अलग-अलग महकमों के अधिकारी तैयारी संग पहुंचे थे। किसी कारणवश बैठक तो नहीं हुई, लेकिन अहम प्रोजेक्टों को लेकर उन्होंने कक्ष में चर्चा जरूर की।
इसके बाद सीएम ने तीन मंत्र देते हुए कहा कि जवाबदेही, जिम्मेदारी और पारदर्शिता सबसे जरूरी है। काम में हीलाहवाली और किसी भी तरह की डिमांड की शिकायत मिलने पर कार्रवाई तय है। इसलिए जनसेवा को प्राथमिकता में रखकर काम करना होगा।
वहीं, सीएम ने कहा कि हल्द्वानी को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। मीडिया से बातचीत में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम घोषणा के तहत हल्द्वानी में मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी।
पार्किंग, सड़क, पेयजल, सीवेज आदि पर काम होगा। पीएम नरेन्द्र मोदी ने इस पैकेज की घोषणा की थी। इसलिए अधिकारियों को प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। एडीबी के माध्यम से करीब 2200 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है।

1064 नंबर पर करें फोन:
वहीं, सीएम ने कहा कि बिजली, पानी, सड़क आदि से जुड़ी समस्याएं समय से दूर होनी चाहिए। हर सरकारी दफ्तर में 1064 नंबर का प्रचार होना चाहिए। वहीं, जनता से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी भी तरह की डिमांड की जा रही है तो इस नंबर पर काल करें। सरकार का संकल्प है कि 2025 तक उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाया जाएगा।