अगस्त में उत्तराखंड रोडवेज की एक अनुबंधित बस के ड्राइवर ने एक किशोरी को दिल्ली आईएसबीटी से देहरादून लाया। यहां उसने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसने अपने चार साथियों को बुलाया, जिन्होंने बारी-बारी से किशोरी का शोषण किया।
आईएसबीटी परिसर में किशोरी से हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में 35 गवाह शामिल किए गए हैं। साथ ही, जांच के दौरान साक्ष्य छिपाने के आधार पर एक अतिरिक्त धारा भी मुकदमे में जोड़ी गई है। कोर्ट जल्द ही चार्जशीट पर संज्ञान लेकर अगली कार्यवाही शुरू करेगा।
एसएसपी अजय सिंह ने चार्जशीट के बारे में पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 12 अगस्त को उत्तराखंड रोडवेज की अनुबंधित बस का ड्राइवर किशोरी को दिल्ली आईएसबीटी से देहरादून लाया था। यहां उसने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसने अपने चार साथियों को बुलाया, जिन्होंने बारी-बारी से किशोरी का शोषण किया।
मौके से पीड़िता को बाल कल्याण समिति ने अपने संरक्षण में ले लिया था, जहां उसकी काउंसलिंग की गई। काउंसलिंग के दौरान यह खुलासा हुआ कि उसके साथ दुष्कर्म भी हुआ है। इसके बाद, बाल कल्याण समिति की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। प्राथमिक जांच के दौरान जब आरोपी बस चालक से पूछताछ की गई, तो उसने अपने चार अन्य साथियों के नाम भी उजागर कर दिए।
पुलिस ने रोडवेज के अनुबंधित बस ड्राइवर धर्मेंद्र कुमार, रवि कुमार, ड्राइवर राजपाल, कंडक्टर देवेंद्र और कैशियर के रूप में काम कर रहे कंडक्टर राजेश कुमार सोनकर को गिरफ्तार किया। इस मामले की जांच के लिए एसपी सिटी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया।
एसआईटी ने मुकदमे की गहन विवेचना की और सभी साक्ष्य एकत्र किए। आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर भी पूछताछ की गई, और उनकी निशानदेही पर कंबल और अन्य कपड़े बरामद किए गए।
लगभग 20 दिन की विवेचना के बाद, पुलिस ने बुधवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। इस चार्जशीट में कुल 35 गवाह शामिल किए गए हैं, जिनमें पीड़िता और एक चश्मदीद गवाह के मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी कराए गए हैं।