पिछले साल आईटीडीए के ढांचे में संशोधन करके पुनर्गठन किया गया, जिसके परिणामस्वरूप आईटीडीए में 45 नए पद सृजित हुए। इसके कुछ समय बाद, आईटीडीए ने 11 विशेषज्ञों की भर्ती और प्रतिनियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया।
साइबर हमले का सामना कर रही सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) केवल तीन अधिकारियों के भरोसे कार्यरत है, जिनमें से दो अधिकारी तकनीकी विशेषज्ञ नहीं हैं। पिछले साल पुनर्गठन के दौरान 45 पद सृजित किए गए थे, लेकिन भर्ती के लिए कोई भी तैयार नहीं हो रहा है।
अब आईटीडीए ढांचे के पुनर्गठन के लिए एक नया प्रस्ताव तैयार करेगा। वर्ष 2022 में आईटीडीए का ढांचा निर्धारित किया गया था, जिसे पिछले साल संशोधन करके पुनर्गठित किया गया। इसके परिणामस्वरूप आईटीडीए में 45 नए पद सृजित हुए। इसके कुछ समय बाद, आईटीडीए ने 11 विशेषज्ञों की भर्ती और प्रतिनियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया।
हालात यह हैं कि वर्तमान में आईटीडीए में केवल तीन अधिकारी तैनात हैं। इनमें एक आईटीडीए निदेशक हैं, जो एक आईएएस अधिकारी हैं। दूसरे वित्त नियंत्रक हैं, जो वित्तीय मामलों की जिम्मेदारी संभालते हैं। तीसरे अधिकारी को बतौर विशेषज्ञ रखा गया है, लेकिन उनकी जानकारी केवल अपने विभाग तक सीमित है।
संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा
जब साइबर अटैक हुआ, तो कई केंद्रीय एजेंसियां आईटीडीए पहुंच गईं, लेकिन यहां स्टाफ की कमी के कारण उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि जो काम 24 घंटे में हो सकता था, वह विशेषज्ञों की कमी के कारण तीन दिन में पूरा हुआ। इसलिए, अब आईटीडीए के ढांचे में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
आईटी सचिव नितेश झा ने बताया कि आईटी की जरूरतों के अनुसार प्रस्ताव तैयार कर इसे कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस साइबर हमले के बाद सुरक्षा के दृष्टिकोण से जो आवश्यकताएं सामने आई हैं, उन्हें नए ढांचे में शामिल किया जाएगा।
डिजास्टर रिकवरी का बैकअप भी तैयार नहीं
सूत्रों के अनुसार, दो साल पहले आईटीआई लिमिटेड बंगलुरू को यह जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन वह अब तक डेटा का बैकअप नहीं ले पाई है। इसके परिणामस्वरूप साइबर हमले के बाद डिजास्टर रिकवरी भी नहीं हो पाई। अब आईटी विभाग ने केंद्र को डिजास्टर रिकवरी के लिए पत्र भेजा है। केंद्र सरकार की 18 सूचीबद्ध एजेंसियों में से किसी एक को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।