पाखरो रेंज घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत से दो घंटे तक पूछताछ की

Uttarakhand

पिछले साल अगस्त में, विजिलेंस ने हरक सिंह रावत और उनके परिवार से जुड़े कुछ व्यापारिक प्रतिष्ठानों और एक शिक्षण संस्थान पर छापेमारी की थी। इसके बाद, मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।

पाखरो रेंज घोटाले के मामले में सीबीआई ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से करीब दो घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ के दौरान, हरक सिंह रावत ने भी सीबीआई को कुछ गोपनीय दस्तावेज सौंपे हैं।

रावत का कहना है कि उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है। सीबीआई के स्थानीय सूत्रों ने भी उनसे पूछताछ की पुष्टि की है। गौरतलब है कि पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के निर्माण में कई अनियमितताएं पाई गई थीं, जिसे लेकर विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।

पिछले साल अगस्त में, विजिलेंस ने हरक सिंह रावत और उनके परिवार से जुड़े कुछ व्यापारिक प्रतिष्ठानों और एक शिक्षण संस्थान पर छापेमारी की थी। इसके बाद, जांच सीबीआई को सौंप दी गई, जिसने विजिलेंस की जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर अपनी जांच शुरू की।

सीबीआई ने देहरादून से लेकर कोटद्वार तक कई संस्थानों और कार्यालयों पर छापेमारी की। इसके बाद, 14 अगस्त को सीबीआई ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत को इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, इस पूरे मामले में उनसे विस्तार से जानकारी प्राप्त की गई।

उन्होंने सीबीआई को कुछ दस्तावेज भी सौंपे हैं। पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने खुद पूछताछ की पुष्टि की है और बताया कि उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्री रहते समय कई फाइलें उनके पास आती थीं और सब कुछ नियमों के अनुसार किया गया था।

 

रावत ने इस मामले में अन्य नेताओं के नाम भी लिए हैं, लेकिन सीबीआई अभी भी जांच जारी रखे हुए है। अनुमान है कि सीबीआई की जांच अगले कुछ महीनों तक जारी रह सकती है।