मार्च 2023 से हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने जा रहा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश इसी वर्ष से एरो मेडिकल ट्रेनिंग कोर्स भी शुरू कर देगा।
इस कोर्स के तहत अभ्यर्थी को अमेरिका व इजरायल के विशेषज्ञों की मदद से नालेज, स्किल व डिसीजन मेकिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह सब हेली इमरजेंसी मेडिकल सिस्टम (हेम्स) के अंतर्गत हेली सिम्युलेटर स्थापित करने से ही संभव होगा।
यह सिस्टम एक वर्ष के भीतर स्थापित हो जाएगा, जो हेली इमरजेंसी मेडिकल ट्रेनिंग सेंटर के रूप में काम करेगा। डीआरडीओ इसमें तकनीकी और एम्स चिकित्सकीय सहयोग प्रदान करेगा। भविष्य में देश के भीतर कहीं भी हेली एंबुलेंस सेवा शुरू होती है तो इसके लिए प्रशिक्षण और प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार एम्स ऋषिकेश को ही होगा।
डीआरडीओ के विज्ञानियों के साथ मिलकर इस पर होमवर्क पूरा:
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने ‘दैनिक जागरण’ को बताया कि डीआरडीओ के विज्ञानियों के साथ मिलकर इस पर होमवर्क पूरा हो चुका है। एम्स की टीम को प्रशिक्षित कर दिया गया है।
हेली एंबुलेंस के लिए टीम को संपूर्ण प्रशिक्षण एम्स ऋषिकेश में मिलेगा। इसके बाद देश में कहीं भी हेली एंबुलेंस सेवा शुरू होगी तो इसी सेंटर से प्रशिक्षण दिया जाएगा। एम्स ऋषिकेश ही इसके लिए प्रामाणिकता जारी करने को अधिकृत होगा।
बताया कि एरो मेडिकल ट्रेनिंग कोर्स कराने वाला ऋषिकेश एम्स देश का पहला सेंटर होगा। एम्स में हेम्स प्रोजेक्ट टीम के इंचार्ज डा. मधुर उनियाल ने बताया कि इस योजना के तहत एम्स के स्तर पर सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं। अब इसमें धरातल पर काम होना बाकी है, जो शीघ्र ही शुरू हो जाएगा।
एम्स परिसर में ही हेली सिम्युलेटर के लिए जगह चिह्नित की गई है। डीआरडीओ के विज्ञानी और एम्स की सिविल व मेडिकल टीम के साथ इस स्थल का चयन कर लिया जाएगा। इसमें कमांड सेंटर और इसे कंट्रोल करने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सिम्युलेटर के भीतर ही प्रशिक्षण लेने वाले को हेली एंबुलेंस का एहसास होगा।