उत्तरकाशी के गंगनानी में हुए हेलिकॉप्टर हादसे की जांच के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे, लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी सरकार को अब तक रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है।
चारधाम यात्रा के दौरान हेली सेवाओं के जरिए हेलिकॉप्टर हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन इन घटनाओं के तकनीकी कारणों की जांच का अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। इन दुर्घटनाओं की जांच का जिम्मा डीजीसीए और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की विशेषज्ञ टीमों के पास होता है।
उत्तरकाशी जिले के गंगनानी में हुए हेलिकॉप्टर हादसे को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे, लेकिन एक महीने बीत जाने के बावजूद सरकार को जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और हेमकुंड साहिब के लिए हेली सेवा संचालित की जाती है, लेकिन इन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले अधिकतर हेलिकॉप्टर सिंगल इंजन वाले होते हैं। इस कारण तकनीकी खामियां, मौसम की अनिश्चितता और हवा का दबाव उनकी उड़ान के लिए बड़ा खतरा बन जाते हैं।
इस बार चारधाम यात्रा के दौरान अब तक केदार घाटी में दो, उत्तरकाशी में एक हेलिकॉप्टर हादसा और बदरीनाथ के पास एक हेलिकॉप्टर के अनियंत्रित होने की घटना सामने आ चुकी है। आठ मई को उत्तरकाशी के गंगनानी में हुए हादसे में पायलट समेत छह लोगों की जान चली गई थी, जबकि अन्य घटनाओं में सभी यात्री सुरक्षित रहे।
गंगनानी हादसे की जांच डीजीसीए और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की संयुक्त टीम कर रही है, लेकिन एक महीने बाद भी जांच रिपोर्ट सरकार को नहीं मिली है। रविवार को डीजीसीए की टीम ने केदार घाटी के बड़ासू में उस स्थान का निरीक्षण किया, जहां हाल ही में हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी।
सरकार ने हेलिकॉप्टर हादसों को गंभीरता से लिया है। नागरिक उड्डयन सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द बैठक बुलाकर हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं की समीक्षा की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
एक माह के भीतर हेलिकॉप्टर हादसों की चार घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन सरकार बेखबर है। इसकी गहनता जांच होनी चाहिए। जिससे बार-बार घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। हेलिकॉप्टर हादसों की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। हेली सेवा संचालन में नियमों में ताक पर रखा जा रहा है। जो तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है।
