Uttarakhand Update: पतंजलि, रामदेव और आचार्य बालकृष्ण पर दर्ज आपराधिक केस खारिज, जानिए क्या था पूरा विवाद

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नैनीताल हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े आपराधिक केस को निरस्त कर दिया है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और इसके संस्थापकों बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ भ्रामक विज्ञापनों के मामले में दर्ज आपराधिक कार्रवाई को रद्द कर दिया है।

 

यह मामला 2024 में राज्य के एक वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा दर्ज कराया गया था। शिकायत में आरोप था कि पतंजलि द्वारा मधुमेह, लीवर और अन्य बीमारियों से संबंधित दवाओं—जैसे मधुग्रिट, मधुनाशिनी, दिव्य लिपिडोम टैबलेट, लिवोग्रिट, लिवामृत एडवांस और मधुनाशिनी वटी—का प्रचार भ्रामक और आपत्तिजनक विज्ञापनों के माध्यम से किया गया था। यह शिकायत ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के तहत की गई थी।

सुनवाई के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बीएनएसएस की धारा 528 के तहत हरिद्वार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) द्वारा पतंजलि आयुर्वेद, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को जारी समन को रद्द करने का आदेश दिया।

 

कोर्ट ने पाया कि शिकायत में यह साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं था कि विज्ञापनों में किए गए दावे झूठे या भ्रामक थे। इसके अलावा यह भी स्पष्ट नहीं किया गया था कि विज्ञापन किस प्रकार से भ्रामक थे। कोर्ट ने यह भी माना कि बिना विज्ञापन के दावों की सच्चाई की जांच किए और विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अभाव में, केवल एक पत्र भेजकर विज्ञापन हटाने का निर्देश देना किसी आपराधिक मुकदमे की ठोस वजह नहीं बनता। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि शिकायत में जिन घटनाओं का ज़िक्र किया गया है, वे 2023 से पहले की हैं, इसलिए वह शिकायत समय-सीमा से बाहर (टाइम-बार्ड) भी मानी गई।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दर्ज हुआ था मामला

पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने आयुष मंत्रालय के निर्देशों के बावजूद भ्रामक विज्ञापनों के प्रसारण पर कोई कार्रवाई न करने को लेकर उत्तराखंड सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। इसके बाद ही राज्य सरकार के संबंधित विभाग ने पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले की समीक्षा करते हुए यह साफ किया कि आरोपों के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण नहीं थे, इसलिए केस को रद्द किया गया।