उत्तराखंड वन्य आग: त्यूणी में जंगल की आग विकराल, तीन घर जलकर राख, परिवार हुए बेघर।

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जंगल में लगी भीषण आग ने स्थानीय निवासी उदय सिंह की लकड़ी से बनी दो मंजिला छानी को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद, आग ने उनके पास स्थित सुरेंद्र और जसरी देवी की छानियों को भी अपनी चपेट में ले लिया।

त्यूणी के रडू गांव के खेड़ा रूपाहा में भीषण आग लगने से तीन परिवारों के घर जलकर राख हो गए। राहत की बात यह रही कि जब आग लगी, तब परिवार के सदस्य खेती-बागवानी के काम से बगीचे में गए हुए थे। जानकारी के अनुसार, पास के जंगल से फैलकर आग ने ग्रामीणों के लकड़ी से बने दो मंजिला मकानों को अपनी चपेट में ले लिया। तहसीलदार ने घटना की जांच के लिए क्षेत्रीय पटवारी से रिपोर्ट मांगी है।

त्यूणी तहसील के रडू पंचायत के खेड़ा रूपाहा में कई ग्रामीण परिवारों की आवासीय छानियां हैं, जो उनकी कृषि भूमि और सेब के बगीचों के पास स्थित हैं। घटना के अनुसार, जंगल में लगी आग ने स्थानीय निवासी उदय सिंह की लकड़ी से बनी दो मंजिला छानी को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद, आग ने उनके आस-पास स्थित सुरेंद्र और जसरी देवी की छानियों को भी अपनी लपटों में घेर लिया।

घटना के दौरान सभी प्रभावित परिवारों के सदस्य अपने खेतों में काम कर रहे थे। आग लगने की सूचना मिलने पर स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इस हादसे में तीनों परिवारों की छानियां और उनका सारा सामान जलकर राख हो गया। बेघर हुए परिवारों ने शासन और प्रशासन से आर्थिक सहायता की अपील की है। तहसीलदार सुशीला कोठियाल ने संबंधित राजस्व निरीक्षक और क्षेत्रीय राजस्व उप निरीक्षक से नुकसान की जांच रिपोर्ट जल्दी देने को कहा है।

फायर सीजन शुरू, वन आरक्षी हड़ताल पर

जंगल की आग को देखते हुए शनिवार से वन महकमे में फायर सीजन की शुरुआत हो गई है। वन विभाग के अनुसार, पिछले साल नवंबर से अब तक जंगल में आग लगने की 20 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं, जिससे 39 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इस बार, वन विभाग ने जंगल की आग पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाने का दावा किया है। हालांकि, वन आरक्षियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर किए जा रहे कार्य बहिष्कार के कारण स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है।