बीमार और घायल यात्रियों की सुविधा के लिए केदारनाथ लाई गई एसयूवी थार से खास मेहमानों को मंदिर तक ले जाने का मामला विवादों में

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31 मई को सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर से पहुंचाई गई एसयूवी को चलाने और देखने के लिए अभी तक प्रशासन ने कोई नियम नहीं बनाए हैं।

विवादों में आ गया है कि बीमार और घायल यात्रियों की सुविधा के लिए केदारनाथ में लाई गई एसयूवी थार से विशिष्ट मेहमानों को मंदिर तक ले जाया जाएगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वीडियो वायरल होने पर असंतोष व्यक्त किया। रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी को जांच करने का आदेश दिया गया। डीएम सौरभ गहरवार ने बताया कि जांच शुरू हो चुकी है।

अमर उजाला ने जांच की तो पता चला कि केदारनाथ पहुंचाई गई एसयूवी के संचालन के लिए अभी तक कोई मानक नहीं बनाए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि धाम में SUV का उपयोग बीमार या घायल व्यक्ति को स्थानीय अस्पताल पहुंचाने और हेलिपैड तक ले जाने के लिए किया जाएगा। लेकिन शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में वीआईपी यात्री एक SUV से उतर रहे हैं। पूर्ण जानकारी नहीं मिली है कि ये यात्री कौन हैं और कहां से आए हैं।

31 मई को सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर से पहुंचाई गई एसयूवी को चलाने और देखने के लिए अभी तक प्रशासन ने कोई नियम नहीं बनाए हैं। एक अधिकारी, जिसका नाम न छापने का अनुरोध किया गया है, ने बताया कि लोनिवि को वाहनों को धाम तक पहुंचाने का काम सौंपा गया था. इसके बाद, धाम में वाहनों को कौन चलाता है और कौन सवारी करता है, कोई जानकारी नहीं है।

तीर्थ पुरोहितों ने भी केदारनाथ में एसयूवी के संचालन पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाएं बेहतर करनी थीं, तो एंबुलेंस पहुंचाते, जिससे बीमार, घायल को समय पर उचित इलाज मिलता। उन्होंने हटाने की मांग की है।

जिसने अनुमति दी, उस पर सख्त कार्रवाई होगी: मुख्य सचिव
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि पर्यटन विभाग ने केदारनाथ में बीमार और घायलों की सुविधा के लिए दो थार की व्यवस्था की। लेकिन एक वीडियो में थार से सामान्य लोगों को ले जाता दिखाया गया है। यह बहुत गलत है, जिलाधिकारी को सख्त निर्देश दिए हैं कि सामान्य यात्रियों को थार में नहीं ले जाया जाएगा। ये केवल बीमार और घायल व्यक्तियों के लिए हैं। जिसने भी सामान्य व्यक्ति को थार में ले जाने की अनुमति दी है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

केदारनाथ में थार के संचालन को लेकर अभी तक कोई एसओपी जारी नहीं हुई है। मानवीय दृष्टिकोण को देखते हुए बीमार और घायल यात्रियों के लिए वाहन का उपयोग किया जा रहा है।
-योगेंद्र सिंह, सीईओ, श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति