आज चारधाम यात्रियों के ऑफलाइन पंजीकरण को लेकर विवाद हुआ। तीन दिन से यहां पंजीकरण नहीं हुआ था। आज से यात्रियों का पंजीकरण पुनः शुरू होना था। काउंटर खुलते ही हजारों यात्रियों की भीड़ यहां उमड़ पड़ी. हालांकि, शासन से आदेश मिलने पर प्रशासन ने घोषणा की कि आज चारों धामों में भीड़ अधिक होने के कारण पंजीकरण नहीं हो पाएगा। इसके बाद यत्रियों ने आक्रोशित होकर हंगामा करना शुरू कर दिया।
जब वे आए, महिलाओं ने बैरिकेडिंग पार कर काउंटरों को गिरा दिया। फिलहाल, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि 19 मई को मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्रुप का पंजीकरण किया गया था। इसके तहत 1700 से अधिक यात्रियों को होटल धर्मशाला में पंजीकृत किया गया था, लेकिन हर दिन भीड़ बढ़ती जा रही है।
आठ मई से चारधाम यात्रियों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हुआ था, लेकिन पर्यटन कार्यालय परिसर में बनाए गए छह काउंटर यात्रियों की भारी भीड़ के आगे कम पड़ गए।
बाद में जिलाधिकारी धीराज ने 20 काउंटर पर पंजीकरण शुरू कर दिया, लेकिन 15 मई से 19 मई तक ऑफलाइन पंजीकरण भी बंद कर दिया गया।
हालाँकि, चारधाम यात्रा के लिए यात्रियों का पंजीकरण कराने के लिए धर्मनगरी में लगातार आने का सिलसिला जारी है। इससे शहर में यात्री होटल-धर्मशालाओं में ठहर गए हैं, हालांकि पंजीकरण नहीं करने वाले कुछ यात्री वापस लौट रहे हैं। ठहरे हुए यात्रियों ने निरंतर पंजीकरण करके चारधाम यात्रा पर भेजा जाना चाहा।
चारधाम यात्रा शुरू होने के दस दिनों के भीतर छह लाख से अधिक लोग चारधामों का दर्शन कर चुके हैं। 2.50 लाख से अधिक लोगों ने इसमें केदारनाथ धाम की यात्रा की। दैनिक 70 हजार से अधिक लोग बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में दर्शन करते हैं। वहीं, चारधाम यात्रा के लिए तीस लाख से अधिक लोगों ने नामांकन किया है।