उत्तराखंड राज्य आंदोलन से लेकर राज्य बनने के ढाई दशक बाद तक गाहे-बगाहे उत्तराखंड में किसी परमार के आने की बात कही जाती रही है।
काश! उत्तराखंड के पास भी कोई परमार हो ! उत्तराखंड राज्य आंदोलन से लेकर राज्य बनने के ढाई दशक बाद तक गाहे-बगाहे उत्तराखंड में किसी परमार के आने की बात कही जाती रही है। डॉक्टर यशवंत सिंह परमार को यहां के नीति नियंता भाषणों में अपना आदर्श भी बताते हैं। हर बात पर हिमाचल का […]
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