रविवार देर रात, काजी निजामुद्दीन की जीत के बाद उनके समर्थकों ने पुलिस की अनुमति के बिना ही जुलूस निकाला। जुलूस के दौरान घरों पर पथराव हुआ।
कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन के विजय जुलूस में हिंसाचार करने के मामले में मंगलौर पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपियों की भी तलाश जारी है।
रविवार देर रात, काजी निजामुद्दीन की जीत के बाद उनके समर्थकों ने पुलिस की अनुमति के बिना ही जुलूस निकाला। जुलूस के दौरान घरों पर पथराव हुआ। यही नहीं, समर्थकों ने पुलिस पर भी हमला किया। इस दौरान पुलिस लोगों के सामने हाथ जोड़ती हुई काजी नजर आई। यह वीडियो सोशल मीडिया पर फैल गया। तब पुलिस ने आरोपियों की खोज की।
ये था पूरा मामला
10 जुलाई को मंगलौर विधानसभा के उपचुनाव में मतदान के दिन लिब्बरहेड़ी गांव में हिंसा हुई। अन्य जगहों पर भी झड़प हुई थी। यही नहीं, कुछ जगहों पर महिलाओं से छेड़खानी भी हुई थी। शनिवार की रात को लिब्बरहेड़ी गांव में भाजपा समर्थक सुधीर चौधरी के घर के बाहर युवकों ने छह से आठ गोलियां बरसाईं। रविवार को पीड़ित पक्ष के लोगों ने शांति बनाने के लिए एक बैठक की। बैठक में पुलिस अधिकारियों को भी आश्वासन दिया कि उनकी तरफ से माहौल बिगाड़ा नहीं जाएगा, लेकिन पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की। रविवार को पुलिस की यही गलती भारी पड़ी।
रविवार की रात को कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन की जीत का जुलूस फिर से निकाला गया। इसकी पुलिस को भनक तक नहीं लगी। जुलूस में इतनी भीड़ थी कि उसे नियंत्रित करना बहुत कठिन था। अचानक, भीड़ ने कुछ घरों और दुकानों पर हमला करना शुरू कर दिया। पुलिस सूचना पर मौके पर पहुंची, लेकिन दो पुलिसकर्मी भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सके। उन्हें भीड़ ने घेर लिया। इस दौरान भीड़ के सामने पुलिस काजी और शांति बनाए रखने के लिए हाथ जोड़ती नजर आई। वहीं भीड़ के साथ काजी ने हाथ जोड़े। बावजूद इसके, लोगों ने पुलिस को यहां-वहां डाल दिया।
इस मामले को लेकर क्षेत्र में देर रात तक तनाव बना रहा। जिन घरों में पथराव हुआ था, वे भी रात को मंगलौर कोतवाली गए। उन्हें पुलिस से तहरीर दी गई और कार्रवाई की मांग की गई।