उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट ने पुलिस उप निरीक्षक और निरीक्षक सेवा (संशोधन) नियमावली को मंजूरी दे दी है। इस संशोधन के तहत पुलिस उप निरीक्षकों और निरीक्षकों की भर्ती और सेवा शर्तों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यह कदम राज्य की पुलिस व्यवस्था को और अधिक सक्षम और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस नियमावली में बदलाव से पुलिस बल की कार्यक्षमता और अनुशासन में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
उत्तराखंड में अब सैनिक, अर्धसैनिक बलों, और केंद्र सरकार के उपक्रम में काम करने वाले बाहरी राज्य के कर्मचारी भी अपने परिवार के सदस्यों को राज्य पुलिस में दरोगा पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह सुविधा उन नियमित कर्मचारियों के लिए है जो राज्य के बाहर सेवा नहीं दे सकते। वर्ष 2019 में जारी कार्मिक विभाग के आदेश के प्रावधानों को इस संशोधित नियमावली में शामिल किया गया है।
उत्तराखंड कैबिनेट ने नए प्रस्तावों को सम्मिलित करते हुए पुलिस उप निरीक्षक और निरीक्षक सेवा (संशोधन) नियमावली को मंजूरी दे दी है। इस नियमावली के लागू होने के बाद, इंस्पेक्टरों की वरिष्ठता भी निर्धारित कर दी गई है। वर्ष 2018 से पहले इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नत हुए कार्मिकों को पुराने प्रावधानों के आधार पर वरिष्ठता प्रदान की जाएगी।
दरोगा भर्ती में आवेदन का अधकार होगा
इन्हीं प्रावधानों के आधार पर उन्हें अगली पदोन्नति भी मिलेगी, जबकि 2018 के बाद इंस्पेक्टर बने कार्मिकों की वरिष्ठता उत्तराखंड पुलिस उप निरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक व अभिसूचना) सेवा नियमावली 2018 के प्रावधानों के तहत तय की जाएगी। इसके अतिरिक्त, अब एनसीसी के बी प्रमाणपत्र के साथ-साथ सी प्रमाणपत्र को भी अधिमानी अर्हता में शामिल किया गया है।
राज्य में सैनिक और अर्धसैनिक, केंद्र सरकार के उपक्रम में सेवा देने वाले बाहरी लोगों के परिजन भी पुलिस दरोगा भर्ती में आवेदन का अधकार होगा। इस संबंध में कार्मिक विभाग ने 2019 में एक शासनादेश जारी किया था। इसी के प्रावधानों को इस नियमावली में शामिल किया गया है।